Examine This Report on hindi story
Examine This Report on hindi story
Blog Article
शिवाजी प्रतिमा मामले में पीएम मोदी की माफ़ी स्वीकार करने से विपक्ष का इनकार, फडनवीस क्या बोले?
Through the web pages of our e-book, children will be part of Leo and his mom because they explore the necessity of proper hand washing.
Picture: Courtesy Amazon It is a critically acclaimed satirical Hindi novel composed by Shrilal Shukla and released in 1968. This Hindi fiction ebook offers a scathing critique of the socio-political landscape of rural India. Set within the fictional city of Shivpalganj, the narrative unfolds in the eyes in the protagonist, Ranganath, a young person who returns to his ancestral village to Recuperate from an illness.
महीने बीत गए और सर्दी आ गई। घास का मैदान बर्फ से ढक गया, और भोजन दुर्लभ हो गया। टिड्डा वैभव, जिसने सर्दियों के लिए तैयारी नहीं की थी, ठंडा और भूखा था। वह अंजलि के घर गया और खाना मांगा.
एक गाँव में एक किसान रहता था। किसान खेती करने में व्यस्त था तभी उसकी पत्नी वहां आयी और उसके लिए खाना रख कर वहां से घर वापस चली गयी। जब किसान को फुर्सत मिली तो उसने खाना खाने की सोची। पर यह क्या। खाने का बर्तन खाली था। किसान को लगा की उसकी पत्नी ने उसके साथ मज़ाक किया है और वह नाराज़ हो गया। घर जा कर उसने अपनी पत्नी पर बहुत गुस्सा किया। पत्नी को भी कुछ समझ ना आया।
पिंटू उसे अपने सूंढ़ से ऊपर खींचने की कोशिश करता। मगर उसकी कोशिश नाकाम रहती।
कुछ दूर जा कर बैलों ने गोबर कर दिया। शिष्यों ने बैलगाड़ी रोकी और गोबर उठा कर गुरूजी के बगल में रख दिया। जब गुरूजी की नींद टूटी तो उन्हें अपने शिष्यों की मूर्खता पर बहुत गुस्सा आया। इस बार उन्होंने सोने से पहले कागज़ पर एक सूची बनायी जिसमे किस सामन को उठाने के लिए रुकना है और किस सामान के लिए नहीं रुकना है, यह लिखा था।
Image: Courtesy Amazon Composed by Agyeya, the pen identify of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction e-book was initially printed in 1940. The novel can be a revolutionary function and is taken into account a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential figure during the Chhayavaad motion, brings to life the tumultuous journey from the protagonist, Shekhar, as a result of various phases of his existence. The novel explores Shekhar’s evolution from the carefree and idealistic youth to the experienced individual grappling Using the complexities of everyday living.
Picture: Courtesy Amazon A novel penned by Kashinath Singh, this Hindi fiction e book was at first released in Hindi. Set inside the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel offers a vivid portrayal of town’s multifaceted lifestyle and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of the city through the lens of its people, capturing the essence of Varanasi’s ancient traditions, spiritual procedures, plus the clash amongst modernity and age-old customs.
(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी
नैतिक शिक्षा – बच्चों के मनोबल को बढ़ाइए कल के भविष्य का निर्माण आज check here से होने दे।
Image: Courtesy Amazon A love story influenced because of the Sikh riots of 1984, this Hindi fiction book is about its protagonist Rishi, who results in being a rioter himself while saving a Sikh loved ones from riots. To know how adore survives and trumps most complicated conditions, a single has to operate from like from the Main of his remaining. The story begins with how Rishi, an orphan, and his landlord Mr. Chhabra’s daughter Manu.
"यह बात नहीं कि उनकी जीभ चलती नहीं, पर मीठी छुरी की तरह महीन मार करती हुई. यदि कोई बुढ़िया बार-बार चितौनी देने पर भी लीक से नहीं हटती, तो उनकी बचनावली के ये नमूने हैं हट जा – जीणे जोगिए; हट जा करमाँवालिए; हट जा पुत्ताँ प्यारिए; बच जा लंबीवालिए.
लेकिन ख़ुद सोचें कि क्या इसी कहानी में यह वाक्य कमतर था :